Saturday, January 28, 2017

सिर्फ 'इतने' के लिए 'रईस'


देश के सबसे बिजी ट्रेन रूट को फिल्म प्रमोशन के लिए आपने इस्तेमाल किया। एक जान भी खा गए। यार ऐसी रहीसी है, तो अपने घर में रहो, बाहर ही क्यों निकलते हो! चेहरा ख़राब नहीं हो जाएगा..पता था न, अगस्त क्रांति है, स्टॉपेज कम हैं और हाल्ट भी मिनट भर का, फिर क्यों सबको परेशान किया? भीड़ में आने वाला हिंदुस्तानी भगदड़ मचाएगा ही। 
घर से खुले में क्या आए, इंसान ही खा गए, ये झलक भर रहीसी किस काम की?
 

क्या इतने सस्ते हो गए हमारे वोट?

ज़रा सोचकर देखिए
कितने सस्ते हो गए हैं हमारे वोट... चीनी, घी, गैस कनेक्शन औऱ प्रेशर कुकर जैसे वादों में सड़क, पानी, रोज़गार, शिक्षा सब कहीं गुम सा हो गया। नेता तो जैसे खैरात बांट रहे हैं और हमें भिखारी समझ रहे हैं। वोट के लिए अगर नेताओं ने ये वादे किए, तो क्या हम भी इन्हीं पर वोट दे देंगे...? क्या नेताओं से हमें यही चाहिए... वोटिंग से पहले सोचिए अपना कीमती वोट किसे और क्यों दे रहे हैं...आपको क्या चाहिए और आपको क्या मिल रहा है...इतने सस्ते नहीं हो सकते हम