आज कहने के लिए विषय अपने आप में परिपूर्ण है. विषय नहीं, ये सुखद समाचार है। नारी-शक्ति का एक मेट्रो संस्करण मामला प्रकाश में आया है. गुडगाँव की कुछ हिम्मतवाली महिलायों ने स्वयं के लिए रिजर्व कोच में जबरन घुसने वाले व्यक्ति की जमकर धुनाई कर दी। घटना गुरुवार रात की है। एक युवक जबरन महिलाओं के रिजर्व कोच में घुस गया। आरोप है कि उसने महिलाओं के साथ बदतमीजी भी की। हरियाणा पुलिस अचानक मेट्रो में दाखिल हुई, तो महिलाओं ने उसकी शिकायत कर दी।
पुलिस ने उस व्यक्ति को कोच से उतार दिया। इस दौरान इस शख्स को महिलाओं ने कई थप्पड़ जड़ दिए। महिला यात्रियों के साथ ही पुलिस ने भी अपने हाथ की खुजली मिटा ली.
वैसे एक बात जरुर है। ऐसे जितने भी मामले सामने आते है,महिलाएं एकजुट होकर विरोध करती है, कभी अकेली नहीं. क्यों? क्या आज भी किसी तरह का डर है? कारण जो भी हो, इस पर सोचना चाहिए. यदि यही कोशिश किसी अकेली महिला ने की होती, तो शायद बात कुछ और होती. लेकिन फिर भी, यह घटना उदाहरण है कि एकजुटता बेहद जरुरी है. हम हर कहीं, हर जगह एकजुट रहकर भी तो रह सकते है.
सोचकर देखिएगा. ऐसे किस्से तो गाहे-बगाहे सुनने मिल ही जायेंगे, पर वो दिन ज्यादा सुखद होगा, जिस दिन हम भीड़ में रहकर भी अकेले नहीं होंगे.
शुभम..
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